सरपंच सचिव ने एक साल पहले निकाली लाखों रुपए की राशि, अब जिला पंचायत CEO ने मामले को संज्ञान
आष्टा/कमल पांचाल
सीहोर जिले की आष्टा जनपद की ग्राम पंचायतों में भय मुक्त भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं और ज़िला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन तक केवल कागज़ो की खाना पूर्ति कर उन्हें पुनः अभय दान देकर सरकारी धन में लूट मचाने की मोन सहमति दे दी जाती है। ग्राम वासियों और ग़रीबो की योजनाओं में अब बड़े बड़े रसूखदार सत्ताधारी सरपंच सचिव से साठ गाठ निर्माण कार्यों के फर्जी बिल लगाकर लाखों रुपए की राशि डकार रहे हैं और जब मामला मीडिया तक पहुंच जाए तो फिर लीपापोती करने में लग जाते हैं ऐसा ही एक मामला आष्टा जनपद की ग्राम पंचायत भूपोड का सामने आया है जहां सरपंच और सचिव ने मिलकर ग्राम के श्मशान घाट हेतु स्वीकृत बाउंड्रीवॉल निर्माण की लाखों रुपए की राशि फर्जी बिल लगाकर निकाल ली! अब मामला मीडिया में आने के बाद सरपंच और सचिव लीपापोती करने में लग गए हैं
15 लाख रुपए लागत की बननी थी बाउंड्रीवॉल, एक साल पहले फर्जी बिल लगाकर निकाली राशि
आपको बता दे कि ग्राम पंचायतों में फर्जी बिल लगाकर राशि निकालने का खेल बड़े पैमाने पर जारी है यही हाल आष्टा की बीजेपी समर्थित सरपंच की ग्राम पंचायत भूपोड का है यह सरपंच और सचिव ने ग्राम के श्मशान घाट की बाउंड्रीवॉल हेतु आई 15 लाख रुपए की राशि की बंदरबाट कर बड़ा भ्रष्टाचार कर डाला !
आपको बता दें कि ग्राम पंचायत भूपोड में एक मात्र शमशान घाट है जिसकी बाउंड्रीवॉल के 15 लाख रुपए की राशि डेढ़ साल पहले स्वीकृत हुई थी, वही राशि भी पंचायत के खाते में आ गई! वही पंचायत सरपंच और सचिव ने मिलकर एक साल पहले लाखों रुपए की राशि निर्माण कार्य के फर्जी बिल लगाकर निकाल ली!
जबकि निर्माण कार्य के लिए लाखों रुपए की राशि निकाले एक वर्ष से ज्यादा समय बीत चुका है लेकिन शमशान घाट पर धरातल पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं हुआ है वही फर्जी बिलों में निर्माण सम्बन्धित ठेकेदार का भुगतान करने सहित निर्माण सामग्री के भी फर्जी बिल लगा कर सरपंच और सचिव ने मोटी राशि निकाल ली है और बड़ी बात यह है कि यह राशि लाखों रुपए में है और चौंकाने वाली बड़ी बात यह है कि एक साल बीत चुका है और अब तक बाउंड्रीवॉल के कही भी अते पते नहीं है ऐसे में इस बाउंड्रीवॉल निर्माण के लिए निकाली गई इस राशि का सालभर से जिम्मेदारों द्वारा दुर्पयोग किया जा रहा है जो सीधा सीधा ग्राम वासियों सहित शासन से छलावा है
लिहाजा यह पूरा मामला फर्जी बिल लगाकर शासन की राशि के दुर्पयोग का है तो ऐसे में सरपंच सहित सचिव, सहायक रोज़गार, इंजिनियर की जिम्मेदारी भी तय किया जाना है और उचित कार्यवाही होना चाहिए जिससे पब्लिक के लिए आई शासन की राशि दुर्पयोग नहीं हो सके!
खेर मामला जिला पंचायत CEO नेहा जैन तक पहुंचा है जिनकी सख्ती और कार्यशैली के चर्चे पूरे जिले में है तो उम्मीद की जा रही है कि उक्त मामले में कार्यवाही भी देखने को मिल सकती है।

इनका कहना
इस मामले पर जिला पंचायत CEO नेहा जैन का कहना है आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है हम टीम के द्वारा जांच कराएंगे और यदि गड़बड़ी पाई जाती है तो नियम अनुसार कार्यवाही की जाएगी!

