स्कूल विभाग का तर्क 40 बसों की जरूरत, लेकिन महज 10 बसे ही हुई उपलब्ध
दूर दराज के कई गांवों के बच्चे निजी खर्च से प्रायवेट बसों से जाने को मजबूर
आष्टा/कमल पांचाल…
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने सीएम राइज स्कूल शुरू करते समय घोषणा की थी कि यहां पढ़ने वाले बच्चों को न सिर्फ प्राइवेट स्कूलों के बराबर सुविधा मिलेगी बल्कि आवागमन के लिए बस भी निशुल्क उपलब्ध होगी। ऐसे में सरकार के वादे के अनुसार शिक्षा का नया सत्र शुरू हो गया है वही अधूरे पड़े संदीपनी स्कूल में छात्र छात्राओं को प्रवेश भी मिल गया है और नए सत्र की बच्चो ने पढ़ाई भी शुरू कर दी है लेकिन निशुल्क बस व्यवस्था बदहाल नजर आ रही है आलम ऐसे ही 3800 की संख्या वाले विधानसभा के सबसे बड़े स्कूल में महज 10 बसे ही ठेकेदार द्वारा संचालित की जा रही है ऐसे में कई गांवों के बच्चों को इन निशुल्क बसों की सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है जिससे इन बच्चों के गरीब परिवारों पर निजी बसों में किराए का आर्थिक बोझ पड़ रहा है वही कई बच्चे तो स्कूल जाने से वंचित तक हो रहे हैं जिससे अब स्कूली बच्चों ने सरकार सहित अधिकारियों से निशुल्क बस सेवा उपलब्ध कराने की मांग की है।
दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों पर पड़ रहा आर्थिक बोझ, निजी खर्च से प्रायवेट बसों में जाने को मजबूर
आष्टा विधानसभा का सबसे बड़ा संदीपनी स्कूल के लिए शासन प्रशासन ने बच्चों को प्रवेश कराने के लिए जोर शोर से काफी प्रचार-प्रसार किया था । आपको बता दें की 20 से 15 किमी के दायरे में यह एकमात्र संदीपनी स्कूल है। यहां पढ़ने वाले बच्चों को एक्सपर्ट शिक्षक और बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना सरकार का लक्ष्य है वही इसके लिए सरकार ने करोड़ों रुपए की लागत से विशाल काय भवन बनाया है जिसका कार्य लगभग पूरा होने वाला है
लिहाजा आष्टा विधानसभा के शहरी क्षेत्र में बने संदीपनी स्कूल के विशाल और सुंदर भवन में स्कूल प्रबंधन ने नए भवन के कुछ कमरों में कक्षाएं संचालित करना शुरू कर दिया है लेकिन अब सरकार की नेक मंशा को निशुल्क बसों का टेंडर लेने वाले निजी ठेकेदार समाया स्कूल बस ट्रांसपोर्टशन लिमिटेड कंपनी पलीता लगा रही हैं और स्कूल सत्र शुरू होने के दो माह बाद भी ठेकेदार (एजेंसी)महज 10 बसे ही संचालित कर पाया है ऐसे में दूर दराज से आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूली बच्चों को अब भी निजी खर्च से आवागमन करना पड़ रहा है। और तो ऐसे में कई बार अभिभावक अपने संसाधनों से उन्हें स्कूल छोड़ने आते हैं। जिससे इन बच्चों के परिवारों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है गौरतलब है कि सरकार की मंशा संदीपनी स्कूल को प्राइवेट स्तर का बनाने की थी लेकिन यहां तो बस की ही व्यवस्था नहीं हो रही। ऐसे में अब सरकार की नेक मंशा को बस ठेकेदार चौपट करने का काम कर रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों के 2100 बच्चों के लिए 40 बसों की जरूरत, लेकिन महज 10 बसे ही हो रही संचालित

संदीपनी स्कूल के प्राचार्य सीतवत खान ने जानकारी देते हुए बताया की स्कूल में कुल 3800 बच्चों की संख्या है वही ग्रामीण क्षेत्रों के 2100 बच्चों के लिए स्कूल प्रबंधन को 40 बसों की जरूरत है लेकिन ठेकेदार द्वारा महज 10 बसे ही उपलब्ध कराई है वही पांच बसे अभी आई है लेकिन उनके भी दस्तावेज पूरे नहीं होने के कारण संचालित करना मुमकिन नहीं है ऐसे में बच्चों की परेशानी होना स्वाभाविक है और इसके लिए हमने बस ठेकेदार को कई बार लिखित में पत्र भी लिखे हैं
स्कूल प्रबंधन ने चार बार लिखा बस ठेकेदार को पत्र, लेकिन नहीं रेंग रही कानों में जू

संदीपनी स्कूल के प्राचार्य सीतवत खान ने बताया कि 2100 बसों के लिए हमे 40 बसे पर्याप्त होगी लेकिन बस ठेकेदार समाया स्कूल बस ट्रांसपोर्टशन लिमिटेड भोपाल ने महज 10 बसे ही उपलब्ध कराई है वही स्कूल प्रबंधन ने 12 जून,17 जुलाई,14 अगस्त,21 अगस्त से लेकर 4 बार लिखित में पत्र लिखकर बसों की पर्याप्त संख्या को बढ़ाने की मांग की है फिर भी बस संचालक समाया स्कूल बस ट्रांसपोर्टशन लिमिटेड कंपनी के कानो में जू नहीं रेंग रही है और अब तक पर्याप्त बसे उपलब्ध नहीं करवा पा रही है
विधायक ने लगाई फटकार, दो टूक में कहा पर्याप्त बस उपलब्ध नहीं कराई तो करेंगे ब्लैकलिस्ट!

अपनी विधानसभा के स्कूली बच्चों की परेशानी को देखते हुए विधायक गोपाल इंजिनियर ने भी समाया स्कूल बस ट्रांसपोर्टशन लिमिटेड कंपनी भोपाल को फटकार लगाई है और सख्त हिदायत देते हुए कहा है दो टूक में कहा है कि बसे उपलब्ध नहीं कराई तो ऐसे ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करेंगे । विधायक गोपाल इंजिनियर ने कहा कि संदीपनी स्कूल हमारी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना है इसके लिए सरकार ने 65 करोड़ रुपए से ज्यादा भव्य और विशाल भवन बनाने में खर्च किए हैं ताकि बड़ी संख्या में बच्चों को बेहतर और निशुल्क शिक्षा मिल सके!
और इसके लिए हमारी भाजपा सरकार ने दूर दराज के ग्रामीण बच्चों के लिए निशुल्क बसों की सेवा देने का वादा किया है और समय पर बसे उपलब्ध नहीं होने से सरकार की छवि धूमिल करने का काम समाया स्कूल बस ट्रांसपोर्टशन लिमिटेड कंपनी कर रही है। ऐसे में यह समाया कंपनी यदि पर्याप्त बसे जल्दी उपलब्ध नहीं कराती है तो इसे ब्लैकलिस्ट करने सहित सुरक्षा राशि रोकने के लिए मुख्यमंत्री से मांग करूंगा।









