आष्टा
बुधवार को नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में डोल ग्यारस का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर प्रमुख मार्गों से डोल निकाला गया। जिसकी श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। शहर के मंदिरों में महिलाओं ने विशेष पूजा-अर्चना की। नगर पुरोहित पंडित मनीष पाठक ने बताया कि हिंदू धर्म में विद्यमान है कि बच्चों के जन्म के बाद जलवायु पूजा की जाती है। इसके लिए सभी सगे संबंधियों, मिलने वाले इष्ट मित्रों को आमंत्रित किया जाता है। भगवान भी इस प्राचीनतम अनुपम प्रथा से अछूते नहीं है। भादों कृष्ण पक्ष अष्टमी को भगवान लड्डू गोपाल ने जन्म लिया। डोल ग्यारस के दिन भगवान की जलवायु पूजन नगर के प्राचीनतम राधा-कृष्ण मंदिर नजऱ गंज सहित राधा कृष्ण मंदिर राठौर मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर काछीपूरा में धूम-धाम से मनाई गई। संपूर्ण नगर धर्ममय वातावरण में मग्न था। सूर्य के प्रथम प्रभात के साथ ही इस पर्व को मनाने के लिए नगर के सभी धार्मिक स्थलों पर सजावट की गई। दोपहर में भगवान की पूजा अर्चना विधि-विधान से की गई। अनेक मंदिरों के डोल नगर के एक स्थान पर एकत्रित हुए जिनकी श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की।
इस दौरान श्रीकृष्ण मंदिर में भगवान का विशेष श्रृंगार किया गया था। यज्ञ हवन के बाद भगवान की महाआरती कर डोल सजाकर भगवान कृष्ण को ढोल में सवार कर चल समारोह निकाला गया ।









